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दुनिया के 5 महान क्रिकेटर्स, जो कभी नहीं खेल पाए वर्ल्ड कप

हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह अपने देश के लिए एक बार जरूर वर्ल्ड कप खेले और ट्रॉफी जीतकर खूब नाम कमाए। लेकिन कई क्रिकेटर ऐसे भी हैं, जो इतने बदकिस्मत रहे हैं, कि वे अपने देश के लिए कभी वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए। आइए एक नजर डालते हैं, ऐसे ही 5 क्रिकेटर्स पर:

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1. वीवीएस लक्ष्मण (भारत)

वीवीएस लक्ष्मण को खेल के इतिहास के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। लक्ष्मण ने 16 वर्षों में भारत के लिए 134 टेस्ट खेले और कई मैराथन पारियां खेलीं। हालांकि, उनका वनडे करियर कभी आगे नहीं बढ़ पाया। 2003 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल होने का लक्ष्मण के पास अच्छा मौका था, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। तत्कालीन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने स्वीकार किया था कि लक्ष्मण को शामिल न करना एक गलती थी।

2. जस्टिन लैंगर (ऑस्ट्रेलिया)

जस्टिन लैंगर को टेस्ट क्रिकेट में महान ओपनर माना जाता है। लैंगर और मैथ्यू हेडन की जोड़ी टेस्ट क्रिकेट की सबसे खतरनाक सलामी जोड़ियों में से एक थी। हालांकि, वनडे मैचों में गिलक्रिस्ट और हेडन पारी की शुरुआत करते थे, जिससे लैंगर को केवल आठ वनडे मैच खेलने का मौका मिला। उन्होंने कभी भी ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ल्ड कप नहीं खेला।

3. एलिस्टेयर कुक (इंग्लैंड)

एलिस्टेयर कुक इंग्लैंड के महान बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 12,000 से अधिक रन बनाए थे और एक समय ऐसा लग रहा था कि उनके पास सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक टेस्ट रनों के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका है। हालांकि, वनडे मैचों में कुक का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। 2015 वर्ल्ड कप से पहले उन्हें इंग्लैंड वनडे टीम की कप्तानी छोड़नी पड़ी और वे कभी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए।

4. स्टुअर्ट मैकगिल (ऑस्ट्रेलिया)

स्टुअर्ट मैकगिल को इतिहास के सबसे बदकिस्मत क्रिकेटरों में से एक माना जाता है। शेन वॉर्न के युग में इस लेग स्पिनर की किस्मत नहीं चमक पाई। मैकगिल को ऑस्ट्रेलिया के लिए 44 टेस्ट और तीन वनडे खेलने को मिले, लेकिन वे कभी वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए। ऑस्ट्रेलिया के पास खतरनाक तेज गेंदबाज थे, इसलिए वे एक स्पिनर या बिना स्पिनर के साथ खेल सकते थे।

5. इरापल्ली प्रसन्ना (भारत)

इरापल्ली प्रसन्ना को अब तक के सबसे महान ऑफ स्पिनरों में से एक माना जाता है, लेकिन उन्हें भारत के लिए कभी वर्ल्ड कप में खेलने का मौका नहीं मिला। प्रसन्ना ने भारत के लिए 49 टेस्ट मैचों में 189 विकेट लिए थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें वनडे टीम के लिए कभी नहीं माना।


ये पांच महान क्रिकेटर अपने देश के लिए कभी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए, लेकिन उनके योगदान और उपलब्धियों को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी क्रिकेट यात्रा से हमें यह सीखने को मिलता है कि खेल में किस्मत का भी एक अहम रोल होता है।

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